प्रियवर
दीनबन्धु पाण्डेय जी,
मैं आपको यह सूचित करना चाहता हूँ कि आपकी भेजी हुई पत्रिका मेरे पास आ पहुँची है। वह अत्यन्त मनोरंजक और ध्यानाकर्षक है। मैंने यह फैसला किया है कि इसको हमारे विभाग के पुस्तकालय में रखूँगा ताकि और लोग एवं छात्र उसका लाभ उठा सकें। आपको बहुत बहुत धन्यवाद देता हूँ। आपका ही आदर सहित।ठा सके। आपको बहुत बहुत धन्यवाद देता हूँ। आपका ही आदर सहित।